Wednesday, 27 May 2020

"चल रही एक महामारी"

चल रही एक महामारी,
उसपर भभक्ते दिन है भारी ।
देश थामके, की थी जो तैयारी,
अब विफल हो रही, बारी-बारी ।।
अम्फान (Cyclone) खेला, संग बंगाल खाड़ी,
टिड्डियों का झुंड, हुआ देश पे भारी ।
उत्तराखंड (जंगल आग) लिए असत्य कहानी,
बंगलुरु भी गूंजा, परिक्षण (IAF) की ज़ुबानी
(रहस्यमय आवाज़) ।।
भूकंप की दस्तक़, अब आंख मिचोली,
नेहपाल बोला, अब चीन की बोली ।
Trumph की नियत (मध्यस्थता) लगी, आज भी खोटी,
पाकिस्तान सेख रहा, भू-राजनीतिक रोटी ।।
दूर चल रहा इंसबसे, श्रमिक अनजान,
पल-पल बढ़ रहा, अपने गन्तव्य के लिए, दिनरात ।
होके सरकारो की बेसुदगी से दूर,
थामके फरिश्तों की, दयालुता की डोर ।।
पर सवाल जो कल था, आज भी है खड़ा,
चल रही महामारी, क्या बनी रहेगी सजा ?
देश थामके, की थी जो तैयारी,
अब क्या रियातो संग,
विफलता बढ़ाएगी, बारी-बारी ??
Witten By : Vaibhav Bhardwaj Sharma

Friday, 8 May 2020

बहुत दिनों बाद (A poem on Introspection & Dreams)

बहुत दिनों बाद,
खुदसे कुछ बात चली,
खोई मुलाकात,
और खुवाईशे बेशूमार रही ।।
भूली पहचान,
फिर आइने से, मुख़ातिब हुई।
शब्दो से दूर,
बिन लफ्जो संग, वो बात चली ।।
पूछे सवाल,
और जवाब की, तलाश हुई।
खुद से दूर,
आज खुदकी आवाज़ मिली ।
घर मे बंधे,
जब घर की चारदीवारी में,
हम फिर चले,
खोए अक्स और खुदको,
हम फिर टटोलते रहे ।।
शौक थे जो पुराने,
आज खुवाईशे बन,
सन्दूक में मिले,
राह तकते थे हम जिनकी,
आज वो फिर, हमसे गले मिले ।।
ढूंढते हुए नई उड़ान,
आज पंछी भी आज़ाद चले,
और है जो बंदिशो में बंधे,
आज खुदसे कही दूर उड़े।

शापित हो चला मैं (Quarantine-A situation of a Coronavirus Suspect)


शापित हो चला मैं,
बेखोफ समाज में,
कल-तक उनसा था,
आज चला ज़िन्दगी में,
कुछ अर्द्धसत्य लिए ।
चले अर्धनिर्मित विचार भी
बवण्डर की शक्ल से सजे,
किसी सोच से परे,
मुझको खुदमें, खिंचे चले ।।
है वो समाज भी,
आज तमाशदीन सा सजा,
था जहाँ मैं, कल तक ख़ास,
आज वही, मैं अछुत हो चला।।
सजे अंगिनत सवाल भी,
जवाब के अभाव में,
जो पुछते है, मुझसे हरपल,
शापित मैं ही, क्यों हुआ?
मेरे अर्धसत्य हालात पर,
मिली चारदीवारी भी नई,
जो थी पिंजरे से सजी,
तनहाई की दावत लिए खड़ी।
और इस आपाधापी के बीच,
एक था मैं,
किसी अर्दस्तय रहो में,
सत्य की तलाश लिए।।

"चल रही एक महामारी"

चल रही एक महामारी, उसपर भभक्ते दिन है भारी । देश थामके, की थी जो तैयारी, अब विफल हो रही, बारी-बारी ।। अम्फान (Cyclone) खेला, संग...