वक़्त बदलता है,
बदलता है अंदाज़ ।
क्यों बदलते है, हम,
जब बदलता है, संसार ।।
बदलता है अंदाज़ ।
क्यों बदलते है, हम,
जब बदलता है, संसार ।।
खुद को बदल लेते हैं, हम
जब दुनिया पूछती है, सवाल ।
क्या पूछते हैं हम; उनसे कभी,
कितना दे सकतो हो तुम साथ ।।
जब दुनिया पूछती है, सवाल ।
क्या पूछते हैं हम; उनसे कभी,
कितना दे सकतो हो तुम साथ ।।
सही गलत के तराज़ू मैं,
अपनों को तोलते है, क्यों ?
ये दुनियां बिना जाने,
इतना बोलती है, क्यों ?
अपनों को तोलते है, क्यों ?
ये दुनियां बिना जाने,
इतना बोलती है, क्यों ?
लिए खुशियो की क़ुरबानी,
चलत क्यो, दुनिया की जुब्बनी।
जब अपनों से मनमानी
फिर क्यों दुनियां की है, मानी ।
चलत क्यो, दुनिया की जुब्बनी।
जब अपनों से मनमानी
फिर क्यों दुनियां की है, मानी ।
ना बदलो तुम,
ना बदलो तुम , अंदाज़।
साथ रहते हमेशा अपने,
चाहे हो आपस मैं कितनी भी खटास ।
ना बदलो तुम , अंदाज़।
साथ रहते हमेशा अपने,
चाहे हो आपस मैं कितनी भी खटास ।
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